ऑस्ट्रेलिया के कई जाने-माने पत्रकारों ने अल्बनीज से सवाल किया कि क्या उन्हें नहीं लगता कि मोदी कुछ हद तक तानाशाह हैं? हालांकि, अल्बनीज ने पत्रकारों के इन तीखे सवालों का सहजता से जवाब दिया. वह पीएम मोदी की आलोचनाओं को खारिज करते हुए बार-बार कहते दिखे कि भारत एक लोकतंत्र है और वहां सबके अपने अपने विचार हैं.
हालांकि, सनराइज टीवी के होस्ट डेविज कोच और एबीसी के पत्रकार माइकल रॉलैंड ने अल्बनीज को बार-बार घेरने की कोशिश की.
डेविड कोच ने मोदी की लोकप्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘मैं यह मोदी को नीचा दिखाने के मकसद से नहीं पूछ रहा लेकिन बहुत से ऑस्ट्रेलियाई लोगों की तरह, मैं सोच रहा था कि इस शख्स (मोदी) की अपने ही देश में 80 प्रतिशत लोकप्रियता कैसे हो सकती है?’
कोच ने कहा कि मोदी का जो इतिहास रहा है, उसे लेकर वो चिंतित हैं, खासकर उन पर आरोप लगते हैं कि वो प्रेस की स्वतंत्रता को दबाते हैं, अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव करते हैं और उन्होंने लोकतंत्र को कमजोर किया है. कोच ने सवाल किया, ‘ऐसा लगता है कि वो थोड़े तानाशाह किस्म के हैं?’
इन तीखे सवालों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बनीज ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. उन्होंने कोच को बताया कि मोदी ने अपने शासनकाल में भारत से गरीबी को कम करने की कोशिश की है और भारतीयों के लिए बड़े पैमाने पर अवसरों को बढ़ाया है.
अल्बनीज ने कहा, ‘हमने भारत का जो विकास देखा है, वो अद्भुत है. और प्रधानमंत्री मोदी सच में बहुत लोकप्रिय हैं, सबके बीच नहीं…भारत एक लोकतंत्र है लेकिन वो अधिकांश लोगों के बीच लोकप्रिय हैं.’
कोच ने अल्बनीज की इस टिप्पणी पर सवाल किया, ‘तो दूसरे शब्दों में क्या यह कहा जा सकता है कि उन्होंने ऐसा करने के लिए कड़ा रुख अपनाया.’ उनके इस सवाल पर अल्बनीज ने कहा कि वो भारत की घरेलू राजनीति पर चर्चा नहीं करना चाहते लेकिन साथ ही यह दोहराया कि भारत एक लोकतंत्र है.
उन्होंने कहा, ‘इस पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता लेकिन भारत एक लोकतंत्र है और वहां अलग-अलग विचार हैं जो कि एक अच्छी बात है.
ऑस्ट्रेलिया में मोदी विरोधी प्रदर्शनों पर सवाल
पीएम मोदी की ऑस्ट्रेलिया में मौजूदगी के दौरान ही ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री आवास किरीबिली हाउस के सामने कुछ प्रवासी भारतीयों ने मोदी के दौरे के खिलाफ विरोधी प्रदर्शन भी किए हैं. कुडोस बैंक एरिना में जब पीएम का कार्यक्रम चल रहा था, तब उसके बाहर भी मोदी के विरोध में प्रदर्शन हुए. इसे लेकर एबीसी पत्रकार माइकल रॉलैंड ने कहा- इससे स्पष्ट होता है कि पीएम मोदी को सभी भारतीय प्रवासियों का समर्थन नहीं मिला.
क्या पीएम मोदी के सामने अल्बनीज मानवाधिकारों का मुद्दा उठाएंगे?
उनकी इस टिप्पणी पर रॉलैंड ने पूछा कि क्या वह पीएम मोदी के सामने मानवाधिकार के मुद्दों को उठाएंगे? जवाब में अल्बनीज ने कहा कि वो विश्व के नेताओं से किसी भी मुद्दे पर सीधे बात करते हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘पीएम मोदी और विश्व से अन्य नेताओं के साथ मेरे रिश्ते बेहद सम्मानजनक हैं.’
रॉलैंड ने अल्बनीज से यह भी पूछा कि पीएम मोदी ने अब तक यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर रूस की आलोचना नहीं की है, क्या इसे लेकर वो चिंतित हैं? जवाब में अल्बनीज ने कहा कि भारत अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए खुद जिम्मेदार है.
उन्होंने कहा, ‘भारत बहुत लंबे समय से गुट-निरपेक्ष आंदोलन का नेता रहा है. लेकिन भारतीय हमारे क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के बड़े समर्थक हैं.’