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अनिल दुजाना का अंत: खौफ का हुआ खात्मा; सहमा देगी 21 साल के अपराध की कहानी

अनिल दुजाना जरायम की दुनिया में खौफ का बड़ा नाम था। उसके नाम से दुश्मन कांपते थे। आधुनिक हथियारों से वारदातों को अंजाम देने वाले अनिल दुजाना का 21 साल का जरायम की दुनिया का सफर बृहस्पतिवार को एसटीएफ की गोली लगने के बाद खत्म हो गया है। दुजाना वेस्ट यूपी ही नहीं पूर्वांचल के गैंगस्टर के साथ भी वारदात को अंजाम देता था।

साल 2000 से पहले अनिल दुजाना नोएडा के सुंदर भाटी के लिए अवैध सरिया के कारोबार का कार्य करता था। शुरू से ही अपराध की दुनिया में नाम कमाने की महत्वाकांक्षा के चलते उसकी कारोबार में हिस्से को लेकर सुंदर भाटी से अनबन हो गई।

इसके बाद वह नरेश भाटी गैंग के लिए काम करने लगा। लूटपाट और व्यापारियों से रंगदारी वसूलनी शुरू की। भाड़े पर हत्या करने लगा। वर्ष 2002 में गाजियाबाद के कविनगर थाने में उसके खिलाफ हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ।

28 मार्च 2004 को सुंदर भाटी ने नरेश भाटी की हत्या कर दी। तब नरेश भाटी गैंग की कमान उसके भाई रणपाल भाटी ने संभाली। नरेश भाटी की हत्या का बदला लेने के लिए रणपाल भाटी ने 2005 में सुंदर भाटी के भतीजे लाला फौजी की हत्या कर दी। वारदात के बाद प्रदेश सरकार ने रणपाल भाटी की गिरफ्तारी के लिए 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।

वहीं, वर्ष 2006 में बुलंदशहर पुलिस ने रणपाल भाटी को एनकाउंटर में मार गिराया। रणपाल भाटी के मारे जाने के बाद गैंग की कमान नरेश भाटी के छोटे भाई रणदीप भाटी एवं उसके भांजे अमित कसाना ने संभाल ली। उसकी गैंग में अनिल दुजाना, नरेंद्र उर्फ नंदू शामिल हो गए। इसके बाद तीनों ने मिलकर जरायम की दुनिया में पीछे मुड़कर नहीं देखा। तब तक अनिल दुजाना पर 50 हजार का इनाम घोषित हो चुका था। इसके बाद से अनिल दुजाना एवं सुंदर भाटी गैंग के बीच गैंगवार चली आ रही है।

बड़ा बदमाश होने के चलते हुई थी शादी

फरवरी 2019 में महाराजगंज जेल में रहते हुए ही अनिल दुजाना के साथी योगेश डाबरा व वीरेंद्र निवासी चपरगढ़ थाना दनकौर ने गिटोरा निवासी प्रिया पुत्री लीलू से अनिल दुजाना की शादी करा दी थी। लीलू का अपने गांव के राजू पहलवान से संपत्ति का विवाद चल रहा था। राजू पहलवान ने अपनी पुत्री की शादी बदमाश हरेंद्र खड़खड़ी के साथ कर दी थी। बड़ा बदमाश होने के कारण लीलू ने अपनी बेटी की शादी अनिल दुजाना से की थी।

चार हत्याओं से दहल गया था गाजियाबाद

18 नवंबर 2011 को गाजियाबाद के साहिबाबाद में एक शादी समारोह में सुंदर भाटी पर अनिल दुजाना, रणदीप भाटी एवं अमित कसाना आदि ने एके 47 और स्वचालित हथियारों से हमला कर दिया था। इसमें सुंदर भाटी गैंग के शौकीन निवासी घघोला थाना ग्रेटर नोएडा, नवीन निवासी बादलपुर और जबर सिंह निवासी करावल नगर दिल्ली और धनवीर निवासी बिसरख मारे गए थे।

2013 में मुजफ्फरनगर पुलिस ने किया था गिरफ्तार

अनिल दुजाना के गैंग में बुलंदशहर निवासी बलराम ठाकुर और मुजफ्फरनगर निवासी रोबिन त्यागी एवं माया त्यागी भी थे। वर्ष 2013 में अनिल दुजाना व रोबिन त्यागी ने अपने साथी बलराम ठाकर एवं रोहित व सुशील जाट निवासी ग्राम गहना थाना जहांगीराबाद बुलंदशहर से 18 अक्तूबर 2013 को मुजफ्फरनगर छपार में बीज एवं खाद व्यापारी राजीव त्यागी की हत्या कराई। राजीव त्यागी अनिल दुजाना एवं रोबिन के खिलाफ एक मुकदमे में गवाह था। राजीव त्यागी की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों द्वारा की गई फायरिंग में सुशील जाट मारा गया था। इस घटना के बाद अनिल दुजाना को मुजफफरनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

वहीं, जनवरी 2014 में जेल में रहते हुए अनिल दुजाना ने अपने गैंग के संजय और वीरेंद्र निवासी साकीपुर थाना सूरजपुर गौतमबुद्धनगर आदि से सुंदर भाटी के लिए कार्य करने वाले देवेंद्र निवासी साकीपुर सूरजपुर की हत्या करा दी थी। देवेंद्र की हत्या का बदला लेने के लिए सुंदर भाटी द्वारा अनिल दुजाना के सगे भाई जयभगवान की हत्या करा दी गई।

कुख्यात विक्की त्यागी से हुआ था जेल में झगड़ा

मुजफ्फरनगर जेल में रहते हुए अनिल दुजाना का रोबिन त्यागी को लेकर विक्की त्यागी से झगड़ा हो गया था। इसी दुश्मनी के चलते वर्ष 2014 में रोबिन त्यागी की पेशी पर से ले जाते समय मंसूरपुर मुजफ्फरनगर में रूचिन जाट आदि से विक्की त्यागी द्वारा एके 47 से हमला कराया गया था, रोबिन बच गया लेकिन पुलिस कर्मियों की गोली लगने से मौत हो गई थी।

वेस्ट यूपी के सारे बदमाशों से थीं नजदीकियां

मुजफ्फरनगर जेल में अनिल दुजाना ने कर्नल गिरी निवासी परिक्षितगढ़ मेरठ, नीरज निवासी किनौली थाना शाहपुर मुजफ्फरनगर, मोनू गुर्जर निवासी अलीपुर मोरना हस्तिनापुर मेरठ को अपने गैंग में मिला लिया था। बागपत के ज्ञानेंद्र ढाका और सहारनपुर एवं शामली क्षेत्र में मुकीम काला गैंग के संपर्क में आने से उसके गैंग का पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभाव हो गया था। बुलंदशहर जेल में रहते हुए वह उमेश पंडित और विक्की सुनहड़ा के संपर्क में आया। विक्की ने अनिल दुजाना एवं उमेश पंडित का मुन्ना बजरंगी से मेलजोल करा दिया था। मुन्ना बजरंगी व अनिल दुजाना की दोस्ती के कारण ही दिल्ली में रेलवे की ठेकेदारी में भी दखल देना शुरू कर दिया था।

अपराधी अनिल दुजाना भी कुख्यात डकैत सुंदर भाटी के गांव का रहने वाला था। इन कुख्यातों का गांव गौतमबुद्धनगर में ही है। सुंदर भाटी ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी जान से मारने की धमकी दी थी। बताया गया कि 70-80 के दशक में सुंदर डकैत का दिल्ली के समीपवर्ती शहरों में जमकर खौफ छाया हुआ था।

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