यूपी में यदि आप शनिवार सुबह सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए जा रहे हैं तो हो सकता है कि परेशानी उठानी पड़े। नर्सिंग, पैरामेडिकल स्टाफ से लेकर अन्य श्रेणी के कर्मचारी दो घंटे कार्यबहिष्कार करेंगे। चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार का कहना है कि प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में दो घंटे कार्यबहिष्कार होगा। इस दौरान नियमित कर्मचारी कामकाज ठप रखेंगे। ओपीडी के ताले नहीं खुलेंगे। साफ-सफाई ठप रहेगी। पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी संबंधी जांचें नहीं होंगी। भर्ती मरीजों को भी नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ नहीं देखेंगे। इस अव्यवस्था और आन्दोलन की पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की है, क्योंकि वे हमारी मांगों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष तबादले के नाम पर अधिकारियों व कर्मचारियों का उत्पीड़न किया गया। अभी तक हम लोग शांतिपूर्वक तरीके से कालाफीता बांधकर विरोध दर्ज करा रहे थे। अब सुबह आठ से 10 बजे तक सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चलेंगी।
राजकीय नर्सेज संघ, राजपत्रित डिप्लोमा फार्मेसी एसोसिएशन, डिप्लोमा फार्मेसी एसोसिएशन, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ सहायक प्रयोगशाला संघ, एक्स-रे टेक्नीशियन एशोसिएशन, डार्क रूम असिस्टेंट एशोसिएशन, टीबी कन्ट्रोल इम्प्लॉइज एशोसिएशन, ईसीजी टेक्नीशियन, इलेक्ट्रिशियन एसोसिएशन, मिनिस्ट्रीयल एशोसिएशन स्वास्थ्य भवन।
ये हैं प्रमुख मांगें
-अनुरोध या शिकायत के आधार पर ही तबादले हों, पूर्व में हुए स्थानांतरण के लिए भत्ता दिलाया जाए। अध्यक्ष व मंत्री को स्थानांतरण नीति से अलग रखा जाए
-समूह ख, ग के स्थानांतरण 20 से 10 प्रतिशत पहले ही जो चुका है। जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत कर मेडिकल कॉलेज बनाए जाने पर एकतरफा कार्यमुक्त करने से किक्त। सभी को पद सहित कार्यमुक्त किया जाए।