तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) एक बार फिर से राजग में शामिल होगी। तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में टीडीपी का भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन होगा। रविवार को टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में चुनाव पूर्व गठबंधन पर सहमति बन गई है। इसकी औपचारिक घोषणा जल्द की जाएगी।
अध्यक्ष नड्डा के निवास पर करीब 40 मिनट की बैठक में खासतौर पर तेलंगाना विधानसभा चुनाव पर चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों ने बताया कि फिलहाल टीडीपी के साथ आने और दो राज्यों में मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ने पर सहमति बनी है। जल्द ही दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत होगी। आंध्रप्रदेश में जहां टीडीपी बड़े भाई की भूमिका में होगी, वहीं तेलंगाना में टीडीपी भाजपा के छोटे भाई की भूमिका में होगी। दरअसल बीते लोकसभा चुनाव से पूर्व साल 2018 में अचानक राजग से नाता तोड़ने के बाद टीडीपी को न सिर्फ आंध्रप्रदेश की सत्ता गंवानी पड़ी, बल्कि लोकसभा में पार्टी को महज तीन सीटें हासिल हुईं। इसके बाद बीते साल से दोनों दलों में नजदीकी बढ़नी शुरू हुई। इसी साल दोनों दलों ने पोर्ट ब्लेयर नगर परिषद का चुनाव साथ लड़ा और एस सेल्वी को अध्यक्ष पद पर जिताने में कामयाब हुए।
जनसेना को भी साथ लाने की कवायद
भाजपा की अगली कोशिश जनसेना को साधे रखने की है। जनसेना भाजपा और टीडीपी की बढ़ती नजदीकियों से नाराज है। भाजपा चाहती है कि आंध्रप्रदेश में तीनों दलों का गठबंधन सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी का मुकाबला करे। इसके अतिरिक्त जनसेना तेलंगाना में भी भाजपा की मदद करे। अब टीडीपी से सहमति बन जाने के बाद भाजपा जनसेना से बातचीत करेगी। ब्यूरो
तेलंगाना में टीडीपी का मजबूत संगठन
बीते विधानसभा चुनाव में हालांकि टीडीपी को तेलंगाना में बुरी हार झेलनी पड़ी, मगर भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि राज्य में पार्टी का संगठन मजबूत है। बुरी हार इसलिए हुई क्योंकि नायडू ने तेलंगाना को अलग राज्य बनाने का विरोध किया था। अब जबकि दोनों राज्यों के बीच बंटवारे की कड़वाहट धुल गई है, ऐसे में भाजपा तेलंगाना में टीडीपी के मजबूत संगठन का लाभ लेना चाहती है।