- Advertisement -Newspaper WordPress Theme
राष्ट्रीयसचिन पायलट ने 3 मांगों को रखा था गहलोत के सामने, पूरा...

सचिन पायलट ने 3 मांगों को रखा था गहलोत के सामने, पूरा न होने पर खोलेंगे फिर मोर्चा

कांग्रेस आलाकमान भले ही राजस्थान में सुलह का दावा कर रहा हो, लेकिन सचिन पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ एक बार फिर कड़े तेवर दिखाए हैं. पायलट ने साफ कर दिया है कि वे गहलोत सरकार से अपनी मांगों पर पीछे नहीं हटेंगे.

पदयात्रा के दौरान सचिन पायलट ने 3 मांगों को रखा था और 15 दिन यानी 31 मई तक पूरी करने का अल्टीमेटम दिया था. पायलट बुधवार को अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक के दौरे पर पहुंचे थे. यहां सचिन पायलट ने संकेत दिया कि उन्होंने अपनी मांगों पर गहलोत सरकार को जो अल्टीमेटम दिया था, उसका बुधवार को आखिरी दिन था. पायलट ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, देखते हैं कल क्या होता है.

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबे वक्त से विवाद चल रहा है. कुछ समय पहले ये घमासान उस वक्त और तेज हो गया था, जब पायलट ने वसुंधरा राजे सरकार में कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर एक दिन का अनशन किया था. इसके बाद सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीधे तौर पर नाम लेकर अशोक गहलोत पर निशाना साधा था. इतना ही नहीं उन्होंने भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर 5 दिन की पदयात्रा भी की थी. इसे उनके शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी माना गया था.

सचिन पायलट ने रखी थीं ये 3 मांगें

– वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच हो
– पेपर लीक से आर्थिक नुकसान झेलने वाले बच्चों को उचित मुआवजा मिले
– सरकारी नौकरियों में भर्ती की प्रकिया को पारदर्शी बनाया जाए, RPSC को भंग कर पुनर्गठित किया जाए

आलाकमान ने किया था सुलह का दावा

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट से सोमवार को मुलाकात की थी. इस बैठक के बाद पार्टी ने दावा किया था कि दोनों नेता साथ काम करने के लिए तैयार हैं. हालांकि, इसके दो दिन बाद ही टोंक पहुंचे पायलट ने संकेत दे दिया कि वह अपने रुख पर कायम हैं.

कब से चल रहा घमासान?

राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सियासी वर्चस्व की यह जंग 2018 के चुनाव के बाद से ही चली आ रही है. नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे. सचिन पायलट तब प्रदेश अध्यक्ष थे. इस चुनाव में कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनी. ऐसे में मुख्यमंत्री पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों नेता अड़ गए.

– पायलट कांग्रेस अध्यक्ष होने और बीजेपी के खिलाफ पांच सालों तक संघर्ष करने के बदले मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावेदारी जता रहे थे तो अशोक गहलोत ज्यादा विधायकों का अपने पक्ष में समर्थन होने और वरिष्ठता के आधार पर अपना हक जता रहे थे. पार्टी अलाकमान ने गहलोत को सीएम की कुर्सी पर बैठाया. वहीं, पायलट समर्थकों का दावा है कि सीएम के लिए ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला तय हुआ था.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Subscribe Today

GET EXCLUSIVE FULL ACCESS TO PREMIUM CONTENT

SUPPORT NONPROFIT JOURNALISM

EXPERT ANALYSIS OF AND EMERGING TRENDS IN CHILD WELFARE AND JUVENILE JUSTICE

TOPICAL VIDEO WEBINARS

Get unlimited access to our EXCLUSIVE Content and our archive of subscriber stories.

Exclusive content

Latest article

More article

- Advertisement -Newspaper WordPress Theme