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उत्तराखंड में फिर लंपी का कहर, चार दिन में चपेट में आए 3000 से अधिक पशु, इस साल 32 की हो चुकी मौत

Lumpy Virus in Uttarakhand News: सरकार ने प्रदेश के अंदर एक जिले से दूसरे जिले और बाहरी राज्यों से पशुओं के परिवहन पर एक माह तक की रोक लगा दी है। साथ ही पशुपालन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों की छुट्टियों व प्रतिनियुक्ति पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाई है।

उत्तराखंड में एक बार फिर से लंपी रोग ने कहर बरपा दिया है। चार दिन के भीतर पर्वतीय जिलों में तीन हजार से अधिक पशु रोग की चपेट में आ गए हैं। चार जिलों में इससे 32 पशुओं की मौत भी हो चुकी है।

पशुपालन मंत्री ने कहा कि रोग से बचाव के लिए पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। नौ मई तक प्रदेश में 7.43 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। आगामी 10 दिनों के भीतर रोग प्रभावित क्षेत्रों में शत-प्रतिशत पशुओं का टीका लगाया जाएगा। गढ़वाल मंडल से भी प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त टीमें टीकाकरण करने के लिए लगाई गई हैं।

विभाग के पास वर्तमान में 3.24 लाख वैक्सीन की डोज उपलब्ध है। रोग की रोकथाम के लिए विभाग ने सभी जिलों को दिशानिर्देश जारी किए हैं। सभी पशुपालकों से आग्रह किया कि गोशाला में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। मच्छर व मक्खी से रोग एक पशु से दूसरे पशु में फैलता है।
2022 में 921 पशुओं की लंपी रोग से हुई थी मौत
पहली बार उत्तराखंड में 2022 में लंपी रोग ने दस्तक दी थी। उस समय देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल में 36 हजार से अधिक पशु रोगग्रसित पाए गए। इनमें 921 पशुओं की मौत हुई थी। इस बार रोग पर्वतीय क्षेत्रों में फैल रहा है।
निदेशालय में कंट्रोल रूम स्थापित
रोग की रोकथाम में सहायता के लिए पशुपालन विभाग ने दो टोल फ्री नंबर 1962 और 18001208862 जारी किए हैं। इसके लिए निदेशालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया।
जिलेवार लंपी बीमारी से संक्रमित पशु
जिला रोगग्रसित पशु
अल्मोड़ा 223
बागेश्वर 807
चमोली 133
चंपावत 579
नैनीताल 74
पिथौरागढ़ 1079
रुद्रप्रयाग 227
टिहरी 09
कुल- 3131

रोग की रोकथाम के लिए सरकार ने प्रदेश के अंदर एक जिले से दूसरे जिले और बाहरी राज्यों से पशुओं के परिवहन पर एक माह तक की रोक लगा दी है। साथ ही पशुपालन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों की छुट्टियों व प्रतिनियुक्ति पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाई है।

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